(एस एन बागी)
अयोध्या।श्री मणिरामदास छावनी के निकट वासुदेव घाट चौराहे पर स्थित श्री दीनबंधु नेत्र चिकित्सालय में महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर श्री रघुनाथ प्रसाद वशिष्ठ एवं श्रीमती बसंती वशिष्ठ देवी की पावन स्मृति में 21फरवरी 2020 व कल्याणम् करोति संस्था के महासचिव स्व, विमल कुमार शर्मा के 78 वें जन्मदिवस पर उनकी पावन स्मृति में 22 फरवरी 2020 ईस्वी को श्री मणिरामदास छावनी सेवा ट्रस्ट अयोध्या एवं कल्याणम् करोति लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित ज्योति महायज्ञ (निशुल्क नेत्र चिकित्सा सेवा शिविरों) में 202 मोतियाबिंद ऑपरेशन करके नेत्र रोगियों को लाभान्वित किया गया। इनमें 127 महिला एवं 75 पुरुष नेत्र रोगी शामिल रहे। दोनों दिन लगभग 441 नेत्र रोगी पंजीकृत किए गए। 239 नेत्र रोगियों को रिफ्लेक्शन एवं अन्य नेत्र उपचार से लाभान्वित किया गया। इन दोनों शिविरों में अयोध्या के अतिरिक्त अंबेडकर नगर, गोंडा, बस्ती ,संतकबीरनगर, आजमगढ़ ,जौनपुर ,बहराइच,मऊ,सिद्धार्थनगर,सुल्तानपुर, श्रावस्ती, गोरखपुर ,बिहार और बलरामपुर के मरीज शामिल रहे ।
शिविर के समापन अवसर पर आज 23 फरवरी 2020 ई, को श्री दीनबंधु नेत्र चिकित्सालय के सभागार में समापन समारोह का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता श्री मणिरामदास छावनी के उत्तराधिकारी कमलनयन दास शास्त्री ने की। इस समापन समारोह का संचालन एल आर बी सिंह ने किया। इस अवसर पर कल्याणम् करोति संस्था के महासचिव स्वर्गीय श्री विमल कुमार शर्मा जीके 78वें जन्मदिवस पर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए उनके चित्र पर समारोह के अध्यक्ष एवं अन्य अतिथियों ने माल्यार्पण किया। इस अवसर पर वक्ताओं ने स्वर्गीय श्री विमल कुमार शर्मा जी के महत्वपूर्ण योगदान पर चर्चा करते हुए कहा कि श्री दीनबंधु नेत्र चिकित्सालय की स्थापना करने और इसको चिकित्सालय का व्यवस्थित रूप प्रदान करने में उनका विशेष योगदान रहा है। इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय महासचिव चंपत राय, कल्याणम् करोति लखनऊ संस्था के अध्यक्ष डॉक्टर वी वी प्रताप , महंत रामशरण शास्त्री, रामबल्लभा कुंज जानकी घाट अयोध्या के अधिकारी राजकुमार दास, डा उप्शम गोयल, विनोद जयसवाल, उमादत्त मिश्र , आनंद शास्त्री, डा, आर एस पांडे, डॉ भरत दास महंत रानोपाली उदासीन आश्रम आदि विशिष्ट जनों ने सम्बोधित करते हुए स्वर्गीय विमल कुमार शर्मा जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए कमल नयन दास शास्त्री ने कहा कि मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। नेत्र रोगियों को चिकित्सा करके उन्हें नेत्र ज्योति प्रदान करना महान कार्य है। इस कार्य में लगे हुए सभी चिकित्सक, कर्मचारी और श्री दीनबंधु नेत्र चिकित्सालय के व्यवस्था में से जुड़े हुए लोग अत्यधिक सराहनीय कार्य कर रहे हैं उनकी जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है। इस अवसर पर चिकित्सालय के प्रबंधक डीएन मिश्रा ने चिकित्सालय की स्थापना से लेकर अब तक की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने भी स्वर्गीय विमल कुमार शर्मा जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके महत्वपूर्ण योगदान की सराहना करते हुए कहा कि शर्मा जी के प्रयासों से ही यह चिकित्सालय यहां स्थापित हो सका है। समारोह में आने वाले अतिथियों का स्वर्गीय शर्मा जी के पुत्र राष्ट्रगौरव ने माल्यार्पण करके स्वागत किया । अंत में ऑपरेशन कराने वाले नेत्र रोगियों को लंच पैकेट, आवश्यक दवाइयां, चश्मा आदि देकर उन्हें उनके घर भेजा गया। श्री दीनबंधु नेत्र चिकित्सालय में 5 नवंबर 2005 से 22 फरवरी 2020 तक 166550 मोतियाबिंद ऑपरेशन (आई ओ एल) तथा 2338 अन्य ऑपरेशन किए जा चुके हैं । अब तक कुल 689545 नेत्र रोगियों का पंजीकरण चिकित्सालय में किया जा चुका है।अब तक किए गए मोतियाबिंद ऑपरेशन में 122497 ऑपरेशन पूरी तरह से निशुल्क संपन्न कराए गए हैं, जबकि 46391 ऑपरेशन आंशिक सहयोग से संपन्न हुए हैं । इस चिकित्सालय की व्यवस्था में हनुमान प्रसाद मिश्र का विशेष योगदान रहा है।